top of page
Image 5 - 970px × 90px.png
mt6ebwdy.png
  • Writer's pictureLovej

महिलाओं पर तालिबान के नए कानून: जीवन की सीमाएं और धारणाएं


महिला



अफगानिस्तान में तालिबान ने हाल ही में महिलाओं के लिए कठोर नए कानून लागू किए हैं, जो उनके बोलने, पहनने और जीने के तरीके को नियंत्रित करते हैं। यह कानून न केवल महिलाओं के अधिकारों के उल्लंघन का प्रतीक है, बल्कि यह सामूहिकता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, और सामाजिक न्याय की गारंटी के लिए एक चुनौती भी पेश करता है।


1. कड़े प्रतिबंधों का नया स्वरूप


तालिबान की नई नीति के अनुसार:


चेहरा ढकने की अनिवार्यता: महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर अपना चेहरा ढकना अनिवार्य कर दिया गया है। यह आदेश न केवल व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन है, बल्कि महिलाओं की पहचान को भी छिपाता है।

बोलने पर पाबंदी: अब महिलाएं सार्वजनिक स्थलों पर ऊंची आवाज में बोलने की अनुमति नहीं रखतीं। इस नियम का उद्देश्य महिलाओं की आवाज़ों को चुप कराना है, जो कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का स्पष्ट उल्लंघन है।


गायन और पढ़ाई पर रोक: महिलाओं को घर के भीतर भी ऊंची आवाज में गाना या पढ़ने की अनुमति नहीं है। यह न केवल उनके व्यक्तिगत आनंद का हनन करता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है।


कपड़ों का कड़ा नियंत्रण: महिलाओं को तंग या छोटे कपड़े पहनने से मना किया गया है। इस प्रकार के कानून महिलाओं की खुद की स्थायी पहचान को मिटाने का प्रयास करते हैं।


2. पुरुषों के लिए भी पाबंदियों का विस्तार


हालांकि यह कानून मुख्य रूप से महिलाओं पर केंद्रित हैं, लेकिन पुरुषों के लिए भी कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं:


दाढ़ी रखने का नियम: पुरुषों को इस्लामिक शरिया के अनुसार विशेष हेयरस्टाइल रखने और दाढ़ी रखने के लिए कहाअ गया है।


महिलाओं के शरीर और चेहरे को देखने पर रोक: इस नियम के तहत पुरुषों को महिलाओं के शरीर और चेहरे को देखना दंडनीय माना जाता है, जो कि महिला दृष्टि के अधिकारों को भी सीमित करता है।


3. मॉरलिटी पुलिस की मजबूत भूमिका


तालिबान के अनुसार, इन नियमों के कार्यान्वयन का दायित्व "मॉरलिटी पुलिस" के पास है। यह पुलिस कार्य करेगी:


नियमों का सावधानीपूर्वक पालन: मॉरलिटी पुलिस का मुख्य काम यह सुनिश्चित करना है कि सभी लोग नए नियमों का पालन कर रहे हैं।


साजिशें नाकाम करना: यदि कोई महिला किसी पुरुष के साथ है और वह उचित श्रेणी के अनुसार नहीं है, तो पुलिस टैक्सी ड्राइवर को रोकने का अधिकार रखती है।


जुर्माना और संभावित जेल: यदि कोई व्यक्ति या महिला कानून का उल्लंघन करता है, तो उसे जुर्माना या तीन दिनों की जेल का सामना करना पड़ सकता है।


4. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और महिलाओं की प्रतिक्रिया


इन अत्याचारों और नए कानूनों पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। संयुक्त राष्ट्र की प्रमुख रोजा ओटुनबायेवा ने टिप्पणी की कि अफगानिस्तान के लोग कई दशकों से संकट में हैं और उन्हें बेहतर जीवन का हक है।


महिलाओं ने भी इन कड़े कानूनों का विरोध करने के लिए अनोखे तरीके अपनाए हैं। उन्होंने बुर्का पहनकर गाने की Videos बनाकर अपनी आवाज़ उठाई है, जो उनके प्रतिरोध का प्रतीक है। ऐसी वीडियो में women अपने अधिकारों के लिए लड़ाई करती हुई दिखाई देती हैं और अपनी बातें खुलकर कहने से नहीं कतरातीं।


5. सामाजिक मीडिया का एक मजबूत प्लेटफ़ॉर्म


इन कानूनों के खिलाफ महिलाएं सोशल मीडिया पर अपनी आवाज उठाकर और इस प्रकार के वीडियो साझा करके अपना गुस्सा व्यक्त कर रही हैं। वे अपने अधिकारों के लिए समर्थन मांग रही हैं और यह दिखा रही हैं कि वे अपने देश की स्थिति के खिलाफ खड़ी हैं।


महिलाएं कानूनी पाबंदियों के खिलाफ अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए एक प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग कर रही हैं। सोशल मीडिया ने उन्हें एक ऐसा स्थान दिया है जहां वे अपनी कहानियों को साझा कर सकती हैं, इस प्रकार वे एक दूसरे को जोड़ने और समर्थन करने में सक्षम हैं।


6. भविष्य की संभावनाएं


ये नई पाबंदियां वास्तव में महिलाओं के अधिकारों को सीमित करने के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करती हैं। अफगान महिलाओं का साहस और उनकी आवाज़ें वैश्विक समुदाय के लिए एक स्पष्ट संदेश हैं कि वे इस अत्याचार का सामना नहीं करेंगी।


सिर्फ़ समय ही बताएगा कि क्या अंतर्राष्ट्रीय दबाव तालिबान को महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने के लिए मजबूर कर सकता है।


महिलाएं सदा से समाज की रीढ़ रही हैं, और उनके इरादے और संघर्ष से स्पष्ट है कि वे अपनी स्वतंत्रताओं के लिए आगे बढ़ेंगी। उनका नेतृत्व और एकजुटता ही कल के अफगानिस्तान को बदल सकती है, जिससे एक समान और बायोडायवर्स जगह का निर्माण हो सके।

0 views0 comments
mt6ebwdy.png
bottom of page